दिल्ली स्थित दुनिया के 7 अजूबों का निर्माण फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकले कबाड़, कोक की काली बोतलों और कार के खराब भागों और नटबोल्ट से हुआ था। इस क्रिएटिविटी और मेहनत को देखना तो बनता है। दिल्ली जाने का विचार करें।
क्रिएटिविटी और क्राफ्ट हर किसी को पसंद होते हैं। आइडिया में दम होना चाहिए कबाड़ भी सोने जैसा कीमती हो जाता है। कुछ इसी तरह की बातों को सही साबित करता है दिल्ली स्थिति ‘वेस्ट टु वंडर पार्क’।
इस पार्क का नाम जितना अनोखा है, यह पार्क भी अपने आप में उतना ही अनोखा है। आखिर इस पार्क में कचरे से दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों की रेप्लिका का निर्माण किया गया है। Waste To Wonder Park में आप अपने दोस्तों के साथ मस्ती तो कर ही सकते हैं लेकिन अगर आपके घर में बच्चे हैं तो उन्हें यहां लेकर जरूर आएं। इस जगह की सैर से बच्चों की क्रिएटिविटी में इजाफा हो सकता है। यहां एफिल टावर, गीजा के पिरामिड, स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी और ताजमहल जैसी इमारतों की प्रतिकृति का निर्माण औद्योगिक एवं अन्य तरह के 150 टन कचरों का इस्तेमाल करके किया गया है।
यहां आप दुनिया के सात आश्चर्यों की रेप्लिका देख सकते हैं, जिनमें 60 फुट का एफिल टॉवर और 20 फुट का ताजमहल शामिल हैं। ‘वेस्ट टू वंडर पार्क’ का उद्घाटन फरवरी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। तब से यहां अक्सर सैलानी आते हैं। सात एकड़ का सराय काले खां पार्क क्षेत्र है। यहां बनी सातों प्रतिकृतियों को लोहे की चादरों, नट-बोल्ट, साइकिल और मोटरसाइकिल, पंखों, छड़ी, लोहे की चादरों और ऑटोमोबाइल कचरे से बनाया गया है।
टिकट और टाइमिंग
Waste To Wonder Park के टिकट और समय: सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक। इस पार्क में आने के लिए 50 रुपए का टिकट व्यस्कों और 25 रुपए 3 से 12 साल के बच्चों के लिए है। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों और तीन साल से कम उम्र के बच्चों को नगर निगम के स्कूल में निःशुल्क प्रवेश मिलता है।
कैसे पहुंचे?
waste to wonder park सराय काले खां क्षेत्र में है और निजामुद्दीन मेट्रो स्टेशन इसके निकट है। आप मेट्रो से पार्क तक पैदल जा सकते हैं, जो लगभग आठ मिनट लगेगा। आप चाहें तो ई-रिक्शा चलाते हैं। यहां घूमने के लिए कम से कम ३० से ४५ मिनट चाहिए। ताकि आप आराम से हर कृति को देख सकें।